मकान मालिक से चुदवाया घर की उधारी चुकाने के लिये

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम कविता माथुर है, मै दिल्ली की रहने वाली हूँ। मै नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम की नियमित पाठिका हूँ। आज मै आप को अपनी मस्त और सेक्सी स्टोरी सुनाने जा रही हूँ। कहानी को सुनाने से पहले मै अपने बारे में आप को बता दूँ, मेरी उम्र 24 साल है, मै अभी एकदम जवान और कड़क माल हूँ। मेरी आंखे तो कमल की है, बिल्कुल गोल और बड़ी जैसे किसी हिरनी की आंखे और मेरे आँखों के साथ, मेरे मोटे मोटे लटके हुए लाल लाल गाल तो बहुत ही मस्त लगते है। मेरे बड़े बड़े और काले बालो की बात करे तो वो मेरी कमर को छूते मेरी गांड तक पहुँच गये है। मै अपने बालो को नही कटती हूँ इसीलिए वो इतने बड़े हो गये है। मेरे बूब्स की बात करे तो उनके मुकाबले में तो मेरे घर में किसी की भी चूची नही थी। बहुत ही मस्त, बड़े बड़े बिल्कुल बड़े वाले नींबू की तरह। छूने मे बहुत ही मुलायम और कोमल, एक बार छूलो तो हाथ हटाने का मन ही नही करता। मेरे मम्मो की निप्पल बिल्कुल काली और हल्की भूरी है जोकि गोरे और बड़े बड़े मम्मो पर बहुत मस्त लगती है। मेरे मम्मो से थोडा नीचे बढ़ने पर मेरी चिकनी और सॉफ्ट कमर आती है। जब मै साडी पहनती हूँ तो मेरी चिकनी कमर दिखा करती है। जिसको देखकर लोग मेरी और आकर्षित होते है। मेरे कमसिन, नाजुर और रसीली चूत की बात करे तो वो बहुत ही मस्त है। मेरी चूत तो बहुत बार चोदी जा चुकी है लेकिन मै अपने चूत को हमेसा नई रखने के लिये एक दवाई आती है जिसको मै अपनी चूत में लगा लेती हूँ, जिससे मेरी चूत फिर से टाइट और नई हो जाती है।

 

दोस्तों, मेरी शादी आज से पांच साल पहले हो गई थी। मेरे पति एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है। उनकी सैलरी 30000 रुपये है। मेरी शादी के बाद हम दोनों ने एक घर किराये पर ले लिया और वहीँ रहने लगे। शादी के कुछ दिनों तक मेरे पति ने मेरी खूब चुदाई की जिससे मेरी चूत एकदम फट के फैलाहर हो गई थी। कुछ दिन के बाद उन्होंने मुझे चोदना बंद कर दिया। लेकिन मेरा मन चुदाई से नही भरा था। फिर मैंने youtube पर सर्च किया कैसे अपने चूत को नया बनाये। वहां से मुझे एक तरीका मिला जिससे आप अपने चूत को फिर से नया और टाइट बना सकते थे। मैंने अपना इलाज करना शुरू कर दिया, कुछ ही दिनों मेरी चूत फिर से कड़क हो गयी। मेरी चूत कड़क होने के बाद मेरे पति ने मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया। अब तो वो मेरी रोज चुदाई करते है, और मै अपने चूत को हमेसा नया ही बनाये रखती हूँ।

कुछ दिन पहले की बात है मेरे पति की उनके ऑफिस बॉस के साथ कुछ अनबन हो गई थी जिससे उनको अपनी नौकरी छोडनी पड़ी। नौकरी के जाने बाद अब वो बेरोजगार हो गये थे। वो दूसरी नौकरी के चक्कर में दर दर भटकने लगे, लेकिन उन्हें कोई नौकरी नही मिल पा रही थी। हमारा खर्चा किसी तरह से चल रहा था। हमरे घर का कुछ महीनो से किराया भी नही जमा हो रहा था, मकान मालिक हर हफ्ते घर आके किराया मागता था। हमारे पास कुछ ही पैसे बचे थे अगर उसको दे देते तो घर का खर्च कैसे चलता। बहुत परेशानी थी सारी परेशानी साथ में ही आ गये थे।

मेरे पति बहुत परेसान रहती थे अब तो मेरी चूत को भी बजाना बंद कर दिए थे। कई दिन बीत गये थे, मेरी चूत को चुदे हुए, मेरा मन चुदवाने को कर रहा था, लेकिन पति तो अपनी नौकरी के चक्कर में परेशान थे इसलिए वो मेरी बुर पर ध्यान ही नही दे रहें थे। मेरी चूत धीरे धीरे बहुत टाइट और मस्त किसी 16 साल की लड़की के बराबर हो गयी थी। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

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एक दिन तो मै बहुत बेताब थी चुदने के लिये। रात हुई मै बिस्तर पर केवल टू पीस बिकनी में लेट गयी। मेरे पति आये उन्होंने मेरे ऊपर ध्यान नही दिया। मैंने धीरे अपने हाथो को उनके मुरझाये लंड पर रख दिया। उन्होंने कहा – “मेंरे मन नही चोदने का सो जाओ”। मै अपने आप को रोक नही पा रही थी मैंने उनके लंड को बाहर निकाल दिया और अपने हाथो से उनके लंडको सहलाने लगी। धीरे धीरे उनका लंड तन गया। उन्होंने मेरे मम्मो को पकड़ लिया और मसलने लगे। मेरे मम्मो को मसलते हुए उन्होंने जल्दी से मेरी ब्रा और पैंटी को निकाल दिया और मेरी चूत की चुदाई करने के लिये मेरे ऊपर चढ़ गये और मेरी चूची को दबाते हुए अपने लंड को मेरी चूत में उतार दिया, जैसे ही उनका लंड मेरी चूत में घुसा मुझे ऐसा लग रहा था की आज मै पहली बार चुदी हूँ क्योकि मेरी चूत बहुत टाइट हो गयी थी।मेरे पति लगातार मेरी चूत को बजाए जा रहे थे और मै .. अह्हह्ह अह्ह्ह … अह्ह्ह आह .. उह ..उह .. उह.. उफ़ उफ़ उफ उफ़ उफ़ … मम्मी , मम्मी …. माँ माँ .. हा हा हा …सी सी सी … करके चीख रही थी। लगातार 50 मिनट तक मेरी चूत बजाने के बाद वो झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल.

िया और मुठ मार कर अपना माल फर्श पर गिरा दिया। चुदाई खत्म होने के बाद मुझे उनके माल को साफ करना पड़ा जो उन्होंने फर्श पर गिराया था।

रात बीत गई और नया सवेरा हुआ। नया सबेरा कुछ नया लाने वाला था लेकिन हमे इस बात की खबर नही थी। मेरे पति उस दिन भी नए नौकरी के चक्कर में सुबह ही निकाल गये। उनके जाने के बाद मैंने अपना सारा काम खत्म किया। मेरा काम खत्म ही हुआ था कि इतने में मकान मालिक पैसे मांगने आ गया। मकान मालिक ने मुझसे कहा – आप घर का किराया क्यों नही दे रही है इतने दिन हो गये है?? मैंने उनसे कहा – “मेरे पति कि नौकरी भी तक नही लग पाई है, आप हमें कुछ दिन का समय दे हम जल्दी ही पैसे चुका देंगे”। मैंने उस दिन काली साडी पहनी थी जिसमे मेरी गोरी और चिकनी कमर दिख रही थी। मकान मालिक की नजर मेरी चिकनी कमर पर पड़ गयी। वो मेरी कमर को कुछ देर तक देखता रहा। थोड़ी देर बाद उसने मुझसे कहा – “क्या मुझे एक ग्लास पानी मिला सकता है?? मैंने कहा – “क्यों नही आप थोड़ी देर बैठिये मै अभी ले आती हूँ”। मै मकान मालिक के लिये पानी लेकर आई, पानी लेते समय उसने मेरे हाथो को छुआ। मैंने तो सोचा नही था कि मकान मालिक इतना कमीना होगा कि वो मुझ ही चोद डालेगा।

थोड़ी देर बाद मकान मालिक ने मुझसे कहा – अगर तुम चाहो तो मेरा पैसा चुका सकती हो?? मै समझ नही पाई, मैंने पूछा आप कहना क्या चाहते है?? तो मकान मालिक ने कहा देखिये अभी आप के पास पैसे तो है नही और आप के पति भी घर पर नही है। मै कुछ देर के लिये आप के साथ आप के बेड पर सोना चाहता हूँ अगर आप को मंजूर हो तो, आप का मकान का किराया मै छोड़ दूँगा। मैंने उनको साफ साफ मना कर दिया। मैंने उनसे कहा – मै उस तरह कि औरत नही हूँ जैसा आप सोच रहें है।

थोड़ी देर बाद मकान मालिक ने मुझसे फिर से कहा – तुम चाहो तो मै तुम कुछ पैसे भी दे सकता हूँ। मैंने पहले कुछ देर इसके बारे में सोचा, फिर मैंने मकान मालिक से कहा – कितने पैसे दे सकते हो ?? तो उन्होंने कहा – मेरे पास इस समय एक हजार है तुम चाहो तो ले लो। मै मकान मालिक से चुदने के लिये मान गयी।

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मैंने घर के दरवाज़े को बंद कर दिया। मै और मकान मालिक दोंनो चुदाई करने के लिये बेडरूम में चले गये। मकान मालिक ने मेरे साडी के पल्लू को पकड कर खीच लिया जिससे मेरी साडी खुलती चली गयी और मै एक ही जगह पर गोल गोल घूम रही थी। मेरी साडी खुल गयी, मै ब्लाउस और पेटीकोट में आ गई। मकान मालिक मेरी और बढ़ने लगा, उसने मेरे ब्लाउस के सारे बटन को एक एक करके खोल दिया ब्लाउस को निकाल दिया। अब उसने मेरे काले ब्रा मे गोरे गोरे चुचियो को दबाने लगा। कुछ देर बाद उसने मेरे ब्रा को भी निकाल दिया और मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरे पतले और रसीले होठो को पीने लगा। वो मेरे कमसिन और मुलायम बूब्स को मसलते हुए मेरे होठ को पी रहें थे। मै धीरे धीरे कामोत्तेजना से पागल होने लगी, मैंने भी मकान मालिक के होठो को अपने मुह में भर लिया और अपने दांतों से काट काट कर पीने लगी। हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे के होठो को काट काट कर पी रहे थे। हमे बहुत मजा आ रहा था। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

 

लगातार 20 मिनट मेरे होठो को पीने के बाद उन्होंने मेरे होठ को पीना छोड कर मेरे गर्दन को पीते हुए मेरी चूची तक पहुँच गये। वो अपने एक हाथ से मेरे मम्मो को ऐसे दबा रहा था, जैसे कोई खाना बनते समय आटा सान रहा हो। और साथ साथ वो मेरे चूची की निप्पल को अपने दांतों से खीच कर चूस रहें थे। मुझे ऐसे लग रहा था की कही मेरी चूची से दूध ना निकलने लग जाये। लेकिन फिर भी मुझे मजा आ रहा था, मेरे पति ने कभी भी इस तरह से मेरे मम्मो को नही पीया था। वो मेरे मम्मो को अपने मुह में पूरा भर लेते थे और दांतों से काटते हुए उसको अपने मुह से बाहर निकलते थे। बहुत देर तक ये खेल चलता रहा।

मेरे मम्मो को पीने के बाद मकान मालिक बहुत देर तक मेरी नाभि और मेरी कमर को पीया। जब वो मेरी कमर को पी रहें थे, तो मेरे जिस्म की गर्मी से मेरे शरीर गरम हो गया था। कुछ देर तक मेरी कमर और नाभि को पीने के बाद मकान मालिक ने मेरी पेटीकोट के नारे को खोल कर निकाल दिया। मै उनके सामने केवल पैंटी में थी। मकान मालिक ने मुझे बेड पर लिटा दिया, और मेरे पैरों की उंगलियों को अपने मुह में रख कर चूसने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मेरे पैरों की उंगलियों को चूसते हुए वो मेरी मेरे पैरों के ऊपर बढ़ने लगे। वो मेरी पैरों को चूसते हुए मेरे जांघों को पीने लगे। मेरे चिकने जांघों की अपने हाथो से मसलते हुए मेरे जांघ को पीने लगे। मै बहुत कामतुर होने लगी थी और अपने हाथो से अपने ही मम्मो को मसलने लगी थी।

कुछ देर बाद मकान मालिक ने मेरी पैंटी को अपने हाथो से सहलाते हुए मेरी चूत को सूंघने लगा। मेरी चूत की खुशबू लेकर वो बहुत खुश लग रहा था। थोड़ी डर बाद उन्होंने मेरे पैंटी को निकाल दिया और अपने मुह को मेरी दोनों टांगो के बीच में रख कर मेरी नाजुक, कमसिन और रसीली फुद्दी को अपने मुह से कुत्ते की तरह चाटने लगा। मुझे बहत मजा आ रहा था, जब वो मेरी चूत को पी रहा था तो मै जोश से इतना भड़क गई थी की मै अपने चूत के छेद को सिकोड़ लेती। मकान मालिक मेरी बुर को वैकुम क्लीनर की तरह अपनी और खीच रहा था जिससे मै बहुत ही दर्द से …अह्हह्ह हा हा आःह अआः …. ….अई…अई….अई…… आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई करके चीखने लगी। मेरी चीख से मकान मालिक को कोई फर्क नही पड़ने वाला था वो लगातार मेरे चूत को पी रहा था।

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बहुत देर तक मेरी चूत को पीने के बाद उसने अपने 10 इंच बड़े और बैगन की तरह मोटे लंड को निकाला। मकान मालिक ने मेरी चूत को चोदने से पहले उसने मेरी चूत को सहलाया,. और कुछ देर बाद वो मेरी चूत में अपने लंड को धीरे से धक्का देकर डालने लगा। पहले तो उसने मेरी चूत को धीरे धीरे चोद रहा था लेकिन कुछ ही देर में उसने 180 की रफ़्तार पकड लिया। वो मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ने वाला था। इतनी तेज तो मेरे पति ने कभी मेरी चुदाई नही कर पायें। वो मेरी चूत को इतनी तेज चोद रहा था की मेरी चूत होठ की तरह जल्दी जल्दी खुल और बंद हो रहा था। और अपने चूत को मसलते हुए … उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई.. प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ…. अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो। मुझे मजा आ रहा है लेकिन दर्द भी हो रहा हियो आराम से चोदो अह्ह्ह .. आह … करके चिख रही थी। वो लगातार मेरी चूत को फाड़ने में लगा हुआ था। उसका लंड हर बार मेरी चूत को फाड़ते हुए मेरी चूत की गहरे में घुस जाता। बहुत देर तक मेरी चूत को फाड़ने के बाद मकान मालिक ने मेरी गांड मारनी चाही लेकिन मैने उन्हें साफ साफ मना कर दिया।

लेकिंन मकान मालिक ने जबरदस्ती मुझे गांड की तरफ लेटा दिया और अपने लंड में थोडा सा थूक लगा के मेरी गांड में घुसेड़ने लगा। मैंने अपने गांड को जोर लगा के सुकोड़ लिया जिससे उसका लंड मेरी गांड में नही घुस पा रहा था। मकान मालिक मुझसे भी हरामी था, उसने एक हाथ से मेरी चूत में उंगली करने लगा और साथ में मेरी गांड मारने की तैयारी में था कि जैसे ही मै अपने गांड कि छेद को खोलूं वो उसमे अपना लंड घुसेड दे। कुछ देर उंगली करने पर ही मै मचल गई और मेरे गांड का छेद ढीला हो गया। मौका पाते ही मकान मालिक ने अपने लंड को मेरी गांड में डाल दिया। मै तो जोर से चीख पड़ी। मकान मालिक ने मेरी गांड को मारना शुरू किया , वो मेरी गांड को इतनी बेरहमी से मार रहा था , कि रुक ही नही रहा था। मैंने जानकर अपने गांड को सुकोड़ लिया। मकान मालिक ने फिर भी जोर लगाया और इतने में उनके लंड की खाल फट गई और उनके लंड से खून निकलने लगा। उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और अपने खून को पोछने लगे। मैंने उनसे पूछ क्या हुआ?? उन्होंने कहा कुछ नही बस अब चुदाई खत्म हो गई।

उन्होंने अपना पैंट पहन लिया और बाहर जाने लगे, मैंने कहा – मेरे पैसे तो देते जाओ?? तो उसने कहा कैसे पैसे?? तुम्हे मजा नही आया क्या और मेरा तो लंड भी घायल हो गया है।

शाम को मेरे पति एक खुशखबरी लेकर आये की उन्हें नौकरी मिल गई है। और अडवांस में पैसे भी मिले थे जिसमे से उन्होंने घर का किराया भी चुका दिया है।

मैंने मान में सोचा की मेरी चुदाई तो बेकार चली गई। ना तो पैसे मिले और ना ही किराया अदा हुआ बस केवल थोडा मजा मिला।

आप अपने विचार हर भाग पर मुझे बताएं.

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