्यूगर्ल Xxx कहानी मेरे दोस्त की कमसिन जवान मासी की चूत चुदाई की है. वो कैसे मेरे घर आयी, कैसे मुझे सेक्स के लिए तैयार किया और मेरी गुरु बनी.
सभी दोस्तों को सादर अभिवादन।
मैं आपका जाना पहचाना हूँ लेकिन कुछ नए पुरुष एवं महिला दोस्तों को अपना परिचय देना आवश्यक हो जाता है. तो दोस्तो मैं आगरा से 26 वर्षीय विशु कपूर हूँ.
निरन्तर कसरत करने के कारण मेरा बदन गठीला है।
मेरी पिछली कहानी थी: भाभी की बड़ी बहन की चुदाई
दोस्तो, यह ब्यूटीफुल गर्ल Xxx कहानी तब की है जब मैं सैक्स के बारे में कुछ भी नहीं जानता था। मेरा इस कहानी के लिखने का उद्देश्य सिर्फ मेरी कुछ महिला दोस्तों की अभिलाषा पूर्ण करना है.
मैं आप सबको बताना चाहता हूँ कि मेरी कहानी 100% सत्य घटनाओं पर आधारित होती है।
बात तब की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था और आगरा वाले घर में आया ही आया था. जिम जाने के कारण मेरा शरीर काफी हृष्टपुष्ट था.
मेरी क्लास में एक अजय नाम का लड़का सबसे होशियार था तो उससे मेरी दोस्ती होना स्वाभाविक था क्योंकि मैं भी पढ़ाई में बहुत होशियार था।
एक सा स्वभाव और विचारधारा के कारण हम दोनों की दोस्ती बहुत गहरी हो गई.
गहरी दोस्ती के कारण ही मैं उसके घर के हर सदस्य से वो ही रिश्ता निभाता था जो रिश्ता अजय से था.
स्कूल के बाद हम दोनों साथ साथ ही पढ़ा करते थे चाहे वो अजय का घर हो या मेरा।
मैं और अजय बेशक गहरे दोस्त थे लेकिन हम दोनों मन ही मन एक दूसरे को प्रतिद्वन्द्वी मानते थे क्योंकि वो किसी विषय में अव्वल था तो मैं किसी विषय में!
पढ़ाई के अलावा हमारा किसी व्यसन की तरफ कोई मन नहीं था इसलिए हम दोनों सिर्फ अपनी अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देते थे.
इसी वजह से अजय के घर वाले अजय को मेरे घर आने से नहीं रोकते थे।
चूँकि मेरे सभी घर वाले पास के एक गाँव में रहते थे और मैं आगरा वाले घर में बिल्कुल अकेला रहता था।
ऐसे ही दिन गुजरते गए.
तभी एक दिन सुबह के समय अजय की दूर के रिश्ते में मासी लगती थी वो अपने पिताजी के साथ अजय के घर सिलाई सीखने के लिए आ गई क्योंकि अजय की मम्मी सिलाई करती थी।
उनका नाम लवली (बदला हुआ नाम) था और उनकी उम्र करीब 20 साल थी। वो दिखने में इतनी गोरी और सुन्दर थी कि मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया।
उनको देखने के बाद मेरा पढ़ने में बिल्कुल भी मन नहीं लगता था और जब भी मैं अजय के घर पढ़ने के लिए जाता तो अक्सर उनके आसपास ही रहता था।
मेरी हरकत को उन्होंने बड़े ही अच्छे ढंग से ताड़ लिया क्योंकि लड़कियों में ये गुण भगवान ने बहुत ही अच्छी तरह से दिया है.
लिहाजा मैं हर समय उनको पाने की सोच में डूबा रहता था लेकिन मैंने ये सब किसी के सामने जाहिर नहीं किया.
हालांकि मैं सैक्स के मामले में पूर्णतया अनभिज्ञ था फिर भी पता नहीं मैं कैसे उनकी सुंदरता में खोता चला गया.
और अक्सर रात को उनको सपने में देखकर मेरा अंडरवियर खराब हो जाता था.
फिर सुबह मेरे पोते (लंड के नीचे की गोलियाँ) दर्द करते थे जिससे मैं बहुत परेशान रहता था।
दोस्तो, 18-20 साल तक की उम्र में चाहे लड़का हो या लड़की सैक्स की चाहत कुछ ज्यादा ही उमड़ती है।
लवली मासी के मन में मेरे लिए प्यार पनप रहा था लेकिन उन्होंने भी किसी भी तरह की कोई एक्टिविटी नहीं की।
ऐसे ही दिन बीतते गए कि कुछ दिन बाद हमारी अर्धवार्षिक परिक्षा खत्म होने के बाद हम दोनों ने स्कूल जाना छोड़ दिया.
फिर 26 दिसंबर को अजय का जन्मदिन था। जन्मदिन की तैयारी के लिये सभी लोग जुट गए क्योंकि अजय का जन्मदिन बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता था.
वो इसलिए क्योंकि अजय ही अपने घर में अकेला लड़का था.
कार्ड बाँटने से लेकर दावत तक के सभी कामों की तैयारी जोर शोर से शुरू हो गई; सभी रिश्तेदारों को न्योता भेजा गया।
26 दिसंबर को बहुत सर्दी थी.
सुबह से ही नज़दीकी रिश्तेदारों की आवाजाही शुरू हो गई।
मैं सुबह ही नहा धोकर अजय के यहाँ जाने को था तभी मेरे मोबाइल पर अजय के घर से फोन आ गया।
मैंने जैसे ही फोन उठाया तो उधर से लवली मासी की आवाज आई और मुझसे पूछा- विशु, तू कहाँ है?
मैंने कहा- मैं अपने घर पर हूँ क्यों क्या हुआ?
मासी ने कहा- तू यहाँ नहीं आ रहा है?
तो मैंने मजाक करना चाहा और बोल दिया- नहीं, आज मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है।
मासी ने आव देखा ना ताव … उन्होंने कहा- रुक … मैं ही तेरे पास आ रही हूँ. ओ के!
और तुरन्त ही रिसीवर रख दिया।
और वो किसी बहाने से एक्टिवा लेकर मेरे घर आ गई तो मैं उनको बिल्कुल तैयार मिला।
उन्होंने मुझसे कहा- अभी तो तेरी तबियत खराब थी? इतनी जल्दी ठीक भी हो गई?
तो मैंने उनसे कहा- मैं आपसे सिर्फ मजाक कर रहा था. और आप तो आज कयामत लग रही हैं. बताओ आज कहाँ बिजली गिराने वाली हो?
उन्होंने मेरा गिरेबान पकड़ा और खींचते हुए मुझे अंदर वाले कमरे में ले गईं.
और उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठों पर रखते हुए किश कर लिया और बोली- यहाँ गिराने आई हूँ. कुछ समझा बुद्धूराम?
मैंने कहा- ये गलत है; आपने ये क्या कर दिया? ऐसा आपको नहीं करना चाहिए था.
तो वो बोली- मैं जानती हूँ कि तू मुझे बहुत पसन्द करता है. बोल मैंने सही कहा ना?
मैंने कहा- आप अजय की मासी हो. और ये गलत है.
तो वो बोली- हाँ, मैं अजय की मासी हूँ लेकिन तेरी नहीं हूँ. समझा?
वो आगे बोली- मैं भी तुझे बहुत पसंद करती हूँ और तुझसे बहुत प्यार करती हूँ। शायद तुझे पता नहीं है कि रात को जब भी सोने के लिये अपनी आँख बंद करती हूँ तो तू मेरे सामने आ जाता है। मैं क्या कह रही हूँ तू समझ रहा है ना?
कहकर मेरे गले लग गई।
मैं उस समय किसी लड़की के पहली बार गले लगा था इसलिए पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने उनको कस कर पकड़ लिया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये.
और मैं उनमें ऐसा खोया कि पता ही नहीं चला कि हम दोनों कब बिल्कुल नंगे हो गये।
जब हम दोनों ने एक दूसरे को देखा तो हमारे शरीर पर एक कपड़ा नहीं था।
उसकी नजर मेरे लंड पर गई तो अनायास ही उस ब्यूटीफुल Xxx गर्ल के मुँह से निकल गया- हाय दैय्या … कितना बड़ा और मोटा है तेरा लंड!
और उसे अपनी हथेली में भरकर सहलाने लगी.
वो कभी कभी लंड की खाल को पीछे खिसका कर सुपारे को खोल देती और नंगे सुपारे को अपनी जीभ से चाटने लगती।
ऐसा उसने करीब 10 मिनट तक किया।
हम दोनों उसके बाद 69 की पोजीशन में हो गये।
हालांकि हम दोनों ही सैक्स में नये थे लेकिन उसे मुझसे कुछ ज्यादा ही ज्ञान था क्योंकि वो अक्सर अपनी भाभियों से बात करने से थोड़ा बहुत सीख गई थी.
लेकिन उसने कभी किसी लड़के का लंड नहीं लिया था।
सच कहूँ दोस्तो, मैं तो 69 का मतलब ही नहीं जानता था.
इसलिये वो पोजीशन भी मुझे उसने ही सिखाई थी.
क्योंकि जैसे ही उसने मुझे 69 की पोजीशन में आने के लिए बोला तो मैं पागल सा बना देखता रहा और उससे पूछा- ये क्या होता है?
तो उसने उंगली से अपनी हथेली पर 69 लिखकर समझाया कि जिस तरह 6 का उल्टा 9 होता है, उसी तरह तू मेरे मुँह की तरफ अपने पैर कर ले. तो तेरे मुँह की तरफ मेरे पैर आ जायेंगे, समझ गया बुद्धूराम?
मैंने हाँ कहा तो वो बोली- अब क्या देख रहा है? चल हो ना जल्दी से! फिर मैं तेरा लंड चूस लूंगी और तू मेरी चूत को चाट लेना। इससे हम दोनों को बहुत मजा आएगा।
उसने मुझे अपनी बालों भरी चूत हाथ से खोलकर दिखाई और बताया- इधर अपनी जीभ लगाकर चाटना. ओके!
मैंने भी ओ के कहा और वैसे ही लेट गया जैसे उसने बताया था.
और मैं उसकी चूत को चाटने और काटने लगा.
इधर वो भी मेरे लंड का सुपारा खोलकर चूसने लगी।
वो चिल्ला कर बोली- भोसड़ी के, ये क्या कर रहा है? ठीक से कर ना! मैं कहीं भागी थोड़े ही न जा रही हूँ जो तू इतना उतावला हो रहा है? थोड़ा आराम से कर जिससे मजा आये।
दोस्तो, मुझे सैक्स का कुछ भी अनुभव नहीं था और ना ही मुझे ये पता था कि चूत में दो छेद होते हैं।
तभी कुछ देर बाद लवली ने मुझे रुकने के लिए बोला तो मैं रुक गया और पालथी मारके बैठ गया.
लवली मेरे मुँह के पास आकर खड़ी हो गई जिससे उसकी चूत मेरे चेहरे के ठीक सामने हो गई.
फिर उसने अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से खोलकर बताया- विशु, देख चूत में दो छेद होते हैं. पहला ऊपर वाला छोटा मूतने वाला छेद है. और नीचे का बड़ा छेद जो है उसमें लंड घुसता है। और नीचे वाले बड़े छेद में से ही बच्चा निकलता है.
तो मैंने झट से लवली की चूत को उंगली से टटोल कर देखा और चूत के दोनों होंठों को उंगली से सहलाकर देखा तो लवली की एक कामुक सिसकारी निकल गई।
बड़ा छेद दोनों टांगों के बीचोबीच जॉइन्ट पर था तो मैं थोड़ी देर तक उसकी चूत पर अपनी उंगली फिराता रहा.
लवली को मजा आने से वो कामुक सिसकारियाँ लेने लगी और मुझसे बोली- विशु तू 69 की पोजीशन में आ जा।
मैं झट से लवली के बगल में उल्टा लेट गया. उसने मेरे लंड की आगे की खाल को खोलकर सुपारा निकाल लिया और उस पर अपनी जीभ चलाने लगी.
तभी मैं भी मजा आने से सिसकारने लगा क्योंकि ऐसा मेरी जिन्दगी में पहली बार मजा आ रहा था.
मैं भी लवली की चूत को अपनी जीभ से चाटता रहा।
हालांकि मुझे चूत चाटने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं था लेकिन फिर भी ऐसा करने में हम दोनों को ही एक अलग ही मजा मिल रहा था।
करीब 10 मिनट बाद ही हम दोनों मजा के कारण एक दूसरे के मुँह पर झड़ गए.
तब लवली ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दिया और मेरे लंड से निकले हुए बीज को उसने अपने मुँह से निकाल दिया।
जब मैं और लवली बिल्कुल झड़ कर निचुड़ गए तो फिर से चूमना चाटना शुरू हो गए।
तभी 5-7 मिनट बाद मेरा लंड उसके मुँह में ही फूलने लगा और उसे लंड चूसने में उसका मुँह दर्द करने लगा.
तो उसने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल दिया और कहने लगी- विशु, अब तू जल्दी से मेरी चूत में अपना मूसल डाल दे।
मैंने एक हाथ से अपना लंड पकड़ा और लवली की चूत पर घिसने लगा तो मेरा लंड चिकनाई की वजह से फिसल गया.
तभी लवली ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखने से पहले मुझे रुकने को कहा और बोली- विशु, एक मिनट पहले मेरी बात सुन ले; फिर तेरा लंड मैं अपनी चूत में डालूँगी।
मैंने कहा- हाँ जी बोलिये?
तो उसने कहा- विशु, देख मेरा पहली बार है इसलिए आराम से करना. और हाँ, हो सकता है तेरे बड़े और मोटे लंड से मुझे बहुत दर्द होगा. इसलिये मैं कितनी भी जोर से चीखूँ, चिल्लाऊँ लेकिन तू मुझ पर जरा सा रहम नहीं करेगा और ना ही तू रुकेगा.
वो आगे बोली- जब तेरा लंड मेरी चूत में पूरा घुस जाये तो तू चाहे तो रुक सकता है. लेकिन पूरा लंड घुसाने के बाद तुझे थोड़ी देर तक रुकना चाहिए। फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर देना. ओके।
मैंने हाँ में सिर हिलाया तो लवली बोली- अब सिर ही हिलाता रहेगा या मेरी चूत में अपना लंड भी डालेगा? और मैंने तुझे जो छेद बताया है उसी में अपना लंड डालियो … समझ गया ना? चल अब जल्दी कर!
तभी मैंने ठीक से उसकी चूत के दोनों छेद देखे जिस में ऊपर मूतने वाला छेद था जो बहुत ही छोटा था बिल्कुल बारीक सा … और नीचे वाला छेद थोड़ा बड़ा था।
सच कहूँ दोस्तो, मैंने किसी लड़की की चूत हकीकत में पहली बार देखी थी. इसलिए मैं लवली की चूत को बड़ी ही गौर से देख रहा था
तभी लवली बोली- विशु तूने कभी किसी लड़की की चूत नहीं देखी जो इस तरह से घूर घूर के देख रहा है?
तो मैंने कहा- पहली बार देख रहा हूँ.
लवली बोली- अच्छा … ठीक से देख ले.
तb मैंने लवली की चूत को कई बार हाथ फिराकर देखा था।
तभी लवली बोली- यार, अब चोद भी दे ना!
तो जैसे जैसे मुझे लवली ने मुझे बताया था, वैसे ही मैंने सबसे पहले अपने लंड का सुपारा खोला और लवली की चूत पर घिसने लगा.
लवली कामुक सिसकारी लेने लगी.
हालांकि लवली की भी पहली चुदाई थी लेकिन गाँव में उसकी सहेलियाँ और अपनी भाभियों से वो चूत के बारे में थोड़ा बहुत जान गई थी।
फिर मैंने लवली की चूत के छेद पर अपना लंड सेट करके एक झटका मारा लेकिन लंड चूत में ना घुस कर एक ओर फिसल गया.
तभी लवली मेरी सिचुएशन को समझ गई कि ये तो बिल्कुल अनाड़ी है इसलिए जो भी करना है, उसे ही करना पड़ेगा.
ऐसा सोचकर उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और अपनी चूत के छेद पर सेट करके बोली- विशु, जब मैं बोलूँ, तभी जोर से धक्का मेरी चूत पर लगाना.
तो मैंने ओके कहा।
कुछ देर बाद वो बोली- विशु धक्का मार!
तो मैंने पूरी ताकत से धक्का लगा दिया.
जिससे मेरा लंड लवली की चूत को फाड़ता हुआ घुस गया तो लवली की एक जोरदार चीख निकल गई.
इधर मेरा लंड लवली की चूत में 3 इंच तक घुस गया तो लवली की चूत से खून का एक फव्वारा छूट गया जिससे मेरा लंड उसकी चूत में ही लाल हो गया.
फिर मैंने 3 से 4 धक्के पूरी ताकत से तब तक ताबड़तोड़ लगाए जब तक मेरा लंड लवली की चूत में पूरा नहीं घुस गया.
तो लवली कराहती हुई बोली- विशु, तू तो बड़ा डेंजर लड़का है ऐसे तेरी तरह थोड़े ही न घुसाते हैं? इस तरह से तो तेरे पास कोई लड़की चुदवाने नहीं आएगी। अब थोड़ी देर रुक जा … मैं तुझे समझाती हूँ! जैसे ही तू पहला धक्का जोर से मारेगा तो तेरा लंड लड़की की चूत में जितना भी घुसे, वहीं पे तू धीरे धीरे धक्के लगाया कर. और साथ साथ लड़की के दूध को सहलाया कर! जिससे उसे थोड़ा दर्द में आराम मिले।
वो आगे बोली- जब लड़की को मजा आने लगे तब दूसरा जोरदार धक्का लगाना चाहिये जिससे लंड चूत में और अंदर जा सके। इसी तरह से जब तक पूरा लंड चूत में नहीं घुसे तब तक धीरे धीरे ही धक्के लगाने चाहिये। अगर तू जैसे मैंने बताया है उस तरह से सील तोड़ेगा तो तेरे साथ साथ लड़की को भी मजा आएगा और वो चुदने को मचलेगी। एक तो तेरा लौड़ा बड़ा है, ऊपर से जोर जोर से धक्के मारेगा तो लड़की को जरा सा भी मजा नहीं आयेगा. अब कुछ समझा बुद्धुराम या नहीं?
मैं लवली के सारे लेक्चर को ध्यान से सुन रहा था।
अभी मेरा बीज नहीं निकला था जबकि लवली झड़ चुकी थी।
अचानक मुझे ध्यान आया कि एक बार खाली पीरियड में कुछ शरारती लड़के ब्लू फिल्म देख रहे थे तो थोड़ी सी फ़िल्म मैंने और अजय ने भी देखी थी.
उसमें लड़का लड़की को घोड़ी बनाता है और पीछे से लड़की की चूत में अपना लंड डालता है.
तो वो ही फॉर्मूला मैंने लवली पर आज़माने की सोची.
मैंने लवली को घुटनों के बल बिठा कर सिर जमीन की तरफ करके उसके गोरे चूतड़ उठा दिए. जिससे लवली की चूत बिल्कुल मेरे सामने आ गई.
तब मैंने अपना लंड एक ही धक्के में लवली की चूत में पेल दिया।
मैंने धीरे धीरे धक्के लगाए तो लवली मजे से बड़बड़ाने लगी- हाँ विशु, ऐसे ही थोड़ा तेज़ … और तेज़ … हाँ इसी तरह धक्के लगा!
और लवली का शरीर ऐंठने लगा और वो फिर से एक बार झड़ गई.
लेकिन मैं इस बार रुका नहीं और शताब्दी की स्पीड से लवली की चूत में अपने लंड से धक्के लगाता रहा.
इधर लवली ने मेरे दोनों हाथों को अपने दोनों दूधों पर रख लिया और मेरे दोनों हाथों को दबाने लगी।
लवली का इशारा था कि मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों दूधों को दबा दबा कर सहलाने की कोशिश करूँ जिस से उसे कुछ अलग सा मजा आये।
तभी मैंने अपने एक हाथ को हटाकर अपने होठों को लवली के दूध के निप्पल से लगा दिया और चूसने लगा.
लेकिन उसके दोनों दूधों में दूध नहीं था.
मैंने मुँह को हटाकर पूछा- मासी, इनमें दूध तो है ही नहीं?
तो उन्होंने जवाब दिया- तू मूर्ख है! तुझे इतना भी नहीं मालूम कि तब तक लड़की की चूचियों में दूध नहीं आता जब तक कि वो माँ न बने। जब वो लड़की माँ बन जाती है तो उसकी चूचियों में दूध आने लगता है।
खैर, मुझे बिना दूध पिये ही बहुत मजा आ रहा था क्योंकि आज मैंने पहली बार किसी लड़की के दूध चूसे थे।
दोस्तो, मैं आप सबको बता नहीं सकता क्योंकि उस अहसास को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है।
मैं धुआँधार धक्के लगाता रहा और लवली कामुक सिसकारियाँ लेती रही.
करीब 5 मिनट बाद हम दोनों साथ साथ उसकी चूत में ही झड़ गये.
मैं हाँफते हुए लवली के ऊपर ही गिर गया.
लवली ने मुझे ऐसे चिपका लिया जैसे कि हम दोनों को फेविकॉल से चिपका दिया हो.
उसने मेरी खूब चुम्मियां ली.
मेरी और लवली की सांसें ऐसी चल रही थीं जैसे कोई इंजन चल रहा हो!
जैसे ही मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाला तो लवली की चूत से मेरा बीज, उसका खून और उसकी चूत का रज एक मिश्रण बनकर बह रहा था.
मैंने देखा कि चादर पर जितनी जगह पर लवली के चूतड़ थे तो उसके बीचोबीच एक खून का एक घेरा बन गया था.
लवली कभी मेरे लंड को तो कभी अपनी चूत और कभी बैड की चादर को बड़े ही गौर से देख रही थी।
लवली को बहुत तेज पेशाब लगी तो नंगी ही पेशाब करने के लिये बिस्तर से उठी तो लड़खड़ा के गिर गई.
उसने मुझसे कहा- विशु, मुझे बहुत तेज पेशाब लगी है अपनी गोद में उठा और मुझे बाथरूम में ले चल क्योंकि तूने मेरी चूत फाड़ दी है इसलिए मैं ठीक से चल नहीं पा रही हूँ।
मैंने लवली को गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.
वहाँ उसने पहले पेशाब किया किया फिर हम दोनों ने पानी से एक दूसरे के लंड चूत को साफ किया.
लवली बोली- विशु, तू मेरी चूत में उंगली डाल कर ढंग से साफ कर!
तो मैंने लवली की चूत में उंगली डाल कर अच्छे से सफाई की.
और फिर गरम पानी से उसकी चूत की अच्छे से सिकाई की.
फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और अजय के लिए गिफ्ट लेने बाजार चले गए।
आप अपने विचार हर भाग पर मुझे बताएं.
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